Friday, December 3, 2010

बसंत बहार -- कोदूराम "दलित"

बसंत बहार

हेमंत गइस जाड़ा भागिस ,आइस सुख के दाता बसंत
जइसे सब-ला सुख देये बर जाथे कोन्हो साधु-संत.

बड़ गुनकारी अब पवन चले,चिटको जियानय जाड़ घाम
ये ऋतु-माँ सुख  पाथयं अघात, मनखे अउ पशु-पंछी तमाम.

जम्मो नदिया-नरवा मन के,पानी होगे निच्चट फरियर
अउ होगे सब रुख-राई के , डारा -पाना हरियर-हरियर.

चंदा मामा बाँटयं चाँदी अउ सुरुज नरायन देय सोन
इनकर साहीं पर-उपकारी,तुम  ही बताव अउ हव कोन ?
बन,बाग,बगइचा लहलहायं  ,झूमय  अमराई-फुलवारी
भांटा  ,भाजी ,मुरई ,मिरचा-मा , भरे हवय मरार-बारी.

बड़ सुग्घर फूले लगिन फूल,महकत हें-मन-ला मोहत हें
मंदरस   के माँछी  रस ले के,छाता-मा अपन संजोवत हें.

सरसों ओढिस पींयर चुनरी,झुमका- झमकाये हवयं चार
लपटे-पोटारे रुख  मन-ला, ये  लता-नार  करथयं  दुलार.

मउरे-मउरे  आमा  रुख-मन ,दीखयं अइसे   दुलहा -डउका
कुलकय,फुदकय,नाचय,गावय,कोयली गीत ठउका-ठउका.

बन के परसा मन  बाँधे हें,बड़ सुग्घर केसरिया फेंटा
फेंटा- मा कलगी खोंचे   हें,     दीखत हें राजा के बेटा.

मोती कस टपकयं महुआ मन,बनवासी बिनत-बटोरत हें
बेंदरा  साहीं  चढ़  के रुख -  मा  गेदराये  तेंदू  टोरत  हें.

मुनगा फरगे,बोइर झरगे,पाकिस  अँवरा ,झर गईस जाम
"फरई - झरई  , बरई - बुतई"   जग  में  ये होते रथे  काम.

लुवई  -मिंजई  सब्बो हो गे  अउ  धान  धरागे  कोठी-मा
बपुरा कमिया राजी रहिथयं  ,बासी- मा अउर लंगोटी- मा.

अब कहूँ,चना,अरसी,मसूर के भर्री   अड़बड़  चमकत हें
बड़ नीक चंदैनी  रात लगय डहँकी  बस्ती-मा झमकत हें.

ढोलक बजायं ,दादरा गायं, गायं ठेलहा-मा दाई- माई  मन
ठट्ठा,गम्मत अउ काम-बुता,सब करयं  ननद-भउजाई मन.

कोन्हों मन खेत जायं अउ बटुरा-फली लायं भर के झोरा
अउ कोन्हों लायं  गदेली    गहूँ - चना  भूँजे खातिर होरा.

अब चेलिक-मोटियारिन  मन के,खेले-खाए के दिन आइस
डंडा - फुगड़ी  अउ  रिलो - फाग , नाचे-गाये के दिन आइस.

गुन,गुन,गुन,गुन करके भउंरा मन, गुन बसंत के गात हवयं 
अउ रटयं 'राम-धुन' सूवा मन,कठखोलवा ताल बजात हवयं .

कवि मन के घलो कलम चलगे,बिन लोहा के नाँगर साहीं,
अउहा -तउहा  लिख डारत  हें,जे  मन  में  भाय कुछू कांही.

होले  तिहार अब त हवय ,  हम एक रंग    रंग जाबो   जी,
"हम एक हवन,हम नेक हवन" दुनिया  ला आज बताबो जी.

एकर कतेक गुन गाई हम,ये ऋतु के महिमा हे अनंत
आथय सबके जिनगानी- मा, गर्मी,बरखा,जाड़ा,बसंत.
                                                     - कोदूराम "दलित"

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