Monday, November 14, 2011

वीर बालक



– जनकवि स्व.कोदूराम ”दलित”
 
उठ जाग हिंद के बाल वीर
तेरा भविष्य उज्जवल रे
मत हो अधीर, बन कर्मवीर
उठ जाग हिंद के बाल वीर.

रख भगतसिंह सा जिंदा दिल
तू देश विपद में बँटा हाथ
चल प्रिय चाचा नेहरू जी का
देशोन्नति में दे आज साथ.
तज दे आलस , कर श्रम कठोर
हर, दीन-हीन की कठिन पीर
उठ जाग हिंद के बाल वीर.

आजादी की रक्षा खातिर
मिट जाने को रह तैयार
कल को आने वाला है रे
तुझ पर स्वदेश का पूर्ण भार.
इसलिए अभी रे बालक
बन सच्चरित्र, बन समर धीर
उठ जाग हिंद के बाल वीर.

हिंदी काव्य संचय – जनकवि स्व.कोदूराम ”दलित”

 (सन 50 के दशक की रचना)

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